मेरे अल्फ़ाज़
खामोश लफ़्ज़ों की ज़ुबां बने,
दिल की गहराइयों से उठे।
हर दर्द का मरहम ढूंढें,
हर खुशी का जश्न सजाएं।
चंद अल्फ़ाज़, चंद एहसास,
ज़िन्दगी की किताब के खास।
जिनमें बहते हैं जज़्बात,
सच, सपने और मुलाक़ात।
कभी अश्क़, कभी मुस्कान,
कभी ठहरी सी पहचान।
ये अल्फ़ाज़ हैं मेरी रूह का हिस्सा,
जो हर दिल को छू जाए, ऐसा किस्सा।
©Avinash Jha