White इश्क़ सबको है यहाँ फलक से
साँसों में जुनूं भी तो चाहिए
हर हार पर और उबाल मारे
बदन में वो खूं भी तो चाहिए
हुनर ही काफी नहीं सफ़र को
हौसलों में नुमूं भी तो चाहिए
पंख आंखें मौके तक पहुंचा देंगी
बाज को फिर नाखूं भी तो चाहिए
ये शेर तीर यूं ही नहीं होता
एहसास ओ मौजू भी तो चाहिए
हमे कुबूल है संगदिली की तोहमत
भाई आंख में आंसू भी तो चाहिए
ये नहीं के कह दिया बस
बतर्रज ए ख़ू भी तो चाहिए
ईम्तहान ए वफ़ा को टाईगर
दरमियान खुलू भी तो चाहिए
हमारी बकैती से किसी कान पर
रेंगनी एक अदद जूं भी तो चाहिए
नुमूं-चढ़ाव
मौजू- विषय
बतर्ज - तर्ज के साथ
ख़ू- व्यवहार
ख़ुलू- दूरी, खालीपन
©triwal
#sad_shayari