पता नही क्यों जिन्दगी मे उलझन सी हो गई
और रिस्तो के आगे मेरे रिस्ते की अहमियत कम हो गई
लगती तो थी चाँद जैसी शीतल वो हर वक़्त
आज सूरज जैसी गरम क्यों हो गई
अब वक़्त ही नही उसके पास मेरे लिये
मेरे नाम की क्यों घड़ी बन्द हो गई
ये अलग बात है खुशी हर वक़्त मेरे नसीब में नही
कोई बात नही तू खुश रह लगता है तुम भी नसीब में नही ।।
©sanjay Punia
#HeartBreak