हुआ था अन्याय, अहिल्या के साथ। साक्षी है धर्मग्रं | हिंदी Poetry Video

"हुआ था अन्याय, अहिल्या के साथ। साक्षी है धर्मग्रंथ और शास्त्र। इन्द्र थे दोषी, ऋषि थाह न पाये। निर्दोष अहिल्या को, दोषी ठहराये। दिये अभिशाप, शिला हो जाओ। शील भंग कि हो तो, शिला हो जाओ। अहिल्या सुध बुद खो बैठी । श्राप के कारण बूत हो बैठी। ©Narendra kumar "

हुआ था अन्याय, अहिल्या के साथ। साक्षी है धर्मग्रंथ और शास्त्र। इन्द्र थे दोषी, ऋषि थाह न पाये। निर्दोष अहिल्या को, दोषी ठहराये। दिये अभिशाप, शिला हो जाओ। शील भंग कि हो तो, शिला हो जाओ। अहिल्या सुध बुद खो बैठी । श्राप के कारण बूत हो बैठी। ©Narendra kumar

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