"बहुत कम उम्र में समझदार
बन गयी हूँ में।
रोक लेती हूँ, आँसू अपनी
हा! कभी टूट जाती हूँ।
मगर फिर हँस लेती हूँ।
कोई नहीं सायद कोई इस तन्हाई में साथ मेरे।
खुद से खुद का ख्याल रख लेती हुँ।
बस अब रहना है, अकेले
ये सोचकर अकेले रह लेती हूँ।
💔🤞✨
©Sakshi Mishra
"