Unsplash हमारी लेखनी का हमारे व्यक्तिगत परिस्थिति से
कोई लेना-देना नहीं होता..
वो बस हमारी अनिंद्रा का प्रभाव है।
जब निंद नहीं आती है तो हम कुछ-कुछ लिख कर ही
टाइमपास कर लेते हैं लेकिन टाइमपास बस
टाइमपास के लिए क्यों करें,जहाँ मेहनत लगी है
तो कुछ नाम भी हो ले..
इसलिए लिखते ऐसा हैं जो बाजार में डिमांडिंग है।
तो हमारी हरकतों पर ज्यादे माथा नै लगाइएगा
नै त बौरा जाइएगा।🤓
~गौरव झा
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©गौरव झा नितिन