White Comparison
'सनम और हमराही'
माना की मुझे तुमसे उतनी मुहब्बत नहीं,
जितने के तुम हकदार थे।
पर यकीनन मेरी बिखरी
जिंदगी को तेरी ही जरूरत
थी।।
हज़ार खामियां तुझ में है,
पर बेशक मेरी गुजरी आशिकी से बेहतर हो तुम।।
फर्ज की राह में सनम मेरे कितने अंक लाते,
बहरहाल फर्ज अदा करते मैने सिर्फ तुम्हे ही देखा है।।
तस्बीह पर एक ही नाम पढ़ता रहा मैं,
यकीनन तुझे नाम वालों से ज्यादा कीमती बनते देखा है मैंने।।
©Das Ghayal 2
दर्द लिखूं या हालातो को स्वीकार लिखूं।
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