मैं भी उसका दीवाना था, जिसका तू आज है। मुझे मुददते | हिंदी शायरी
"मैं भी उसका दीवाना था,
जिसका तू आज है।
मुझे मुददतें लगे मनाने में,
तूने क्या किया जो उसके साथ है।
अब यह जानना भी ज़रूरी होगा
कि-दीये मे तेल कितना बाकी है
बेसक अभी उजाला है आंगन में
काल के कटने के बाद,एक रात भी तो आती है
-surendra"
मैं भी उसका दीवाना था,
जिसका तू आज है।
मुझे मुददतें लगे मनाने में,
तूने क्या किया जो उसके साथ है।
अब यह जानना भी ज़रूरी होगा
कि-दीये मे तेल कितना बाकी है
बेसक अभी उजाला है आंगन में
काल के कटने के बाद,एक रात भी तो आती है
-surendra