"किसी को याद करने के लिए
उसे पहले भुलाना पड़ता है ।
और उसे कैसे भूल जाऊॅंगी मैं
जो हर वक़्त मेरे ज़ेहन में मौजूद रहता है ।
नाराज़ है वो मुझ से अगर
तो बस नाराज़गी की ही बात करे,
यूॅं बिछड़ने की बात कर के
क्यूॅं वो मेरे दिल को अज़िय्यत देता है।
और वैसे भी सोचा जाए अगर तो
नाराज़ होने का हक़ तो मेरा बनता है।
©Sh@kila Niy@z"