बूंदों को गिरते देखा है सूरज को चढ़ते देखा है चांद | हिंदी कविता

"बूंदों को गिरते देखा है सूरज को चढ़ते देखा है चांद को भी ढलते देखा है बादल को चलते देखा है जगनू को चमकते देखा है फूलों पर तितली देखा है नदियों को बहते देखा है प्रकृति में सब कुछ घटित होते देखा है ©मिहिर"

 बूंदों को गिरते देखा है
सूरज को चढ़ते देखा है
चांद को भी ढलते देखा है
बादल को चलते देखा है
जगनू को चमकते देखा है
फूलों पर तितली देखा है
नदियों को बहते देखा है
प्रकृति में सब कुछ घटित होते देखा है

©मिहिर

बूंदों को गिरते देखा है सूरज को चढ़ते देखा है चांद को भी ढलते देखा है बादल को चलते देखा है जगनू को चमकते देखा है फूलों पर तितली देखा है नदियों को बहते देखा है प्रकृति में सब कुछ घटित होते देखा है ©मिहिर

#Butterfly

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