कब से बादलों में बूंद लटकी थी,बिजलियां देखकर आंखें | हिंदी शायरी Video

"कब से बादलों में बूंद लटकी थी,बिजलियां देखकर आंखें झपकी थी।ना जाने कैसे ख़बर हो गई ज़माने को, मेरे सीने में एक बात अटकी थी। ©Abhinandan Gupta "

कब से बादलों में बूंद लटकी थी,बिजलियां देखकर आंखें झपकी थी।ना जाने कैसे ख़बर हो गई ज़माने को, मेरे सीने में एक बात अटकी थी। ©Abhinandan Gupta

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