दिन का खाना घरों में न बने, बच्चे 8-10 घंटे स्कूल | हिंदी कविता

"दिन का खाना घरों में न बने, बच्चे 8-10 घंटे स्कूल में रहे ! बुजुर्गों के लिये भी डे केयर सेंटर हो, उनका खाना वहीं रहे !! स्कूल बैग घर लाने की बात ही न हो, होम वर्क का नाम ही भुला दो ! खेल कूद मनोरंजन सब स्कूल में हो, कामकाजी युगलों को तनाव से मुक्त करो !! ताज़ा खाना दोपहर का पूरे परिवार का बाहर होगा, घर जैसा पौष्टिक होगा पर मित्रों के साथ होगा ! 8-10 घंटे सभी रहेंगे घर से बाहर, बाक़ी समय सारा परिवार पूरे मन से साथ-साथ होगा !! सभी के पास बताने की कई नई नई बातें होगी, सारे परिवार के लाये अनुभवों से जानकारियां बढ़ेगी ! स्कूल और डे केयर में मोबाइल सुविधा नहीं होगी, मोबाइल के दुष्परिणामों से मुक्ति मिलेगी !! बाजार देर रात तक खुले हों, खाली सड़कों का उपयोग हो ! दिन में चाहे तो बाजार बंद रखे, देर रात तक बस मेट्रो भी चलाने का प्रयोग हो !! इन विकल्पों को अपनाने पर सोचा जाये, सामाजिक मेल मिलाप से तनाव मुक्ति मुफ्त मिल पाये ! मोबाइल की लत भी छूट ही जाये, मोबाइल का उपयोग संवाद के लिये सीमित रखा जाये !! साइबर क्राइम, अनचाहे फ़ोन, अनावश्यक खरीदी, तनाव बढौतरी के इन आयामों से मिले मुक्ति ! सेहत में भी हो यथासम्भव सुधार, गंभीर बीमारियों से निपटने की भी है ये युक्ति !! -आवेश हिंदुस्तानी 12.11.2024 ©Ashok Mangal"

 दिन का खाना घरों में न बने,
बच्चे 8-10 घंटे स्कूल में रहे !
बुजुर्गों के लिये भी डे केयर सेंटर हो,
उनका खाना वहीं रहे !!

स्कूल बैग घर लाने की बात ही न हो,
होम वर्क का नाम ही भुला दो !
खेल कूद मनोरंजन सब स्कूल में हो,
कामकाजी युगलों को तनाव से मुक्त करो !!

ताज़ा खाना दोपहर का पूरे परिवार का बाहर होगा,
घर जैसा पौष्टिक होगा पर मित्रों के साथ होगा !
8-10 घंटे सभी रहेंगे घर से बाहर,
बाक़ी समय सारा परिवार पूरे मन से साथ-साथ होगा !!

सभी के पास बताने की कई नई नई बातें होगी,
सारे परिवार के लाये अनुभवों से जानकारियां बढ़ेगी !
स्कूल और डे केयर में मोबाइल सुविधा नहीं होगी,
मोबाइल के दुष्परिणामों से मुक्ति मिलेगी !!

बाजार देर रात तक खुले हों,
खाली सड़कों का उपयोग हो !
दिन में चाहे तो बाजार बंद रखे,
देर रात तक बस मेट्रो भी चलाने का प्रयोग हो !!

इन विकल्पों को अपनाने पर सोचा जाये,
सामाजिक मेल मिलाप से तनाव मुक्ति मुफ्त मिल पाये !
मोबाइल की लत भी छूट ही जाये,
मोबाइल का उपयोग संवाद के लिये सीमित रखा जाये !!

साइबर क्राइम, अनचाहे फ़ोन, अनावश्यक खरीदी,
तनाव बढौतरी के इन आयामों से मिले मुक्ति !
सेहत में भी हो यथासम्भव सुधार,
गंभीर बीमारियों से निपटने की भी है ये युक्ति !!

-आवेश हिंदुस्तानी 12.11.2024

©Ashok Mangal

दिन का खाना घरों में न बने, बच्चे 8-10 घंटे स्कूल में रहे ! बुजुर्गों के लिये भी डे केयर सेंटर हो, उनका खाना वहीं रहे !! स्कूल बैग घर लाने की बात ही न हो, होम वर्क का नाम ही भुला दो ! खेल कूद मनोरंजन सब स्कूल में हो, कामकाजी युगलों को तनाव से मुक्त करो !! ताज़ा खाना दोपहर का पूरे परिवार का बाहर होगा, घर जैसा पौष्टिक होगा पर मित्रों के साथ होगा ! 8-10 घंटे सभी रहेंगे घर से बाहर, बाक़ी समय सारा परिवार पूरे मन से साथ-साथ होगा !! सभी के पास बताने की कई नई नई बातें होगी, सारे परिवार के लाये अनुभवों से जानकारियां बढ़ेगी ! स्कूल और डे केयर में मोबाइल सुविधा नहीं होगी, मोबाइल के दुष्परिणामों से मुक्ति मिलेगी !! बाजार देर रात तक खुले हों, खाली सड़कों का उपयोग हो ! दिन में चाहे तो बाजार बंद रखे, देर रात तक बस मेट्रो भी चलाने का प्रयोग हो !! इन विकल्पों को अपनाने पर सोचा जाये, सामाजिक मेल मिलाप से तनाव मुक्ति मुफ्त मिल पाये ! मोबाइल की लत भी छूट ही जाये, मोबाइल का उपयोग संवाद के लिये सीमित रखा जाये !! साइबर क्राइम, अनचाहे फ़ोन, अनावश्यक खरीदी, तनाव बढौतरी के इन आयामों से मिले मुक्ति ! सेहत में भी हो यथासम्भव सुधार, गंभीर बीमारियों से निपटने की भी है ये युक्ति !! -आवेश हिंदुस्तानी 12.11.2024 ©Ashok Mangal

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