भारत की लाडली बेटी हिंदी है संस्कृत भाषा से जन्मी | हिंदी Poetry

"भारत की लाडली बेटी हिंदी है संस्कृत भाषा से जन्मी बेटी हिंदी है दिनकर की दीवानगी हिंदी है मीरा के गीतों की सरगम हिंदी है शब्दों से जुड़-जुड़ कर भाषा बनती है भाषायें मनुष्य को मनुष्यता सिखलाती है भाषा निराला का जीवन दर्शन बन जाती है भाषा वसुधैव कुटुंबकम् का पाठ पढ़ती है गंगा की धारा सी शीतल है हिंदी हिंदुस्तानियों का समर्पण भाव है हिंदी बिस्मिल्लाह खान की शहनाई है हिंदी तानसेन का राग है हिंदी सियासतगीरो भाषाओं को धर्मों में मत बांटो हिंद के गुलिस्तां की खुशबू को मत बांटो अरबी, फारसी, हिंदी, उर्दू हिंदुस्तान में जन्मी बहने हैं इन्हें सरहदों में मत बांटो हिंदी हमारी मां है दो भाइयों में मत बांटो ©कवि- जीतू जान"

 भारत की लाडली बेटी हिंदी है
संस्कृत भाषा से जन्मी बेटी हिंदी है 
दिनकर की दीवानगी हिंदी है 
मीरा के गीतों की सरगम हिंदी है

शब्दों से जुड़-जुड़ कर भाषा बनती है
भाषायें मनुष्य को मनुष्यता सिखलाती है
भाषा निराला का जीवन दर्शन बन जाती है
भाषा वसुधैव कुटुंबकम् का पाठ पढ़ती है 

गंगा की धारा सी शीतल है हिंदी
हिंदुस्तानियों का समर्पण भाव है हिंदी
बिस्मिल्लाह खान की शहनाई है हिंदी 
तानसेन का राग है हिंदी

सियासतगीरो भाषाओं को धर्मों में मत बांटो
हिंद के गुलिस्तां की खुशबू को मत बांटो
अरबी, फारसी, हिंदी, उर्दू  हिंदुस्तान में जन्मी बहने हैं 
इन्हें सरहदों में मत बांटो
हिंदी हमारी मां है दो भाइयों में मत बांटो

©कवि- जीतू जान

भारत की लाडली बेटी हिंदी है संस्कृत भाषा से जन्मी बेटी हिंदी है दिनकर की दीवानगी हिंदी है मीरा के गीतों की सरगम हिंदी है शब्दों से जुड़-जुड़ कर भाषा बनती है भाषायें मनुष्य को मनुष्यता सिखलाती है भाषा निराला का जीवन दर्शन बन जाती है भाषा वसुधैव कुटुंबकम् का पाठ पढ़ती है गंगा की धारा सी शीतल है हिंदी हिंदुस्तानियों का समर्पण भाव है हिंदी बिस्मिल्लाह खान की शहनाई है हिंदी तानसेन का राग है हिंदी सियासतगीरो भाषाओं को धर्मों में मत बांटो हिंद के गुलिस्तां की खुशबू को मत बांटो अरबी, फारसी, हिंदी, उर्दू हिंदुस्तान में जन्मी बहने हैं इन्हें सरहदों में मत बांटो हिंदी हमारी मां है दो भाइयों में मत बांटो ©कवि- जीतू जान

#Hindidiwas poetry in hindi

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