Village Life शेर 1:_ शहरों में पढ़ने वाले बच्चे.. | हिंदी Poetry

"Village Life शेर 1:_ शहरों में पढ़ने वाले बच्चे.. मौसम की तरह होते हैं। गांव के इंतजारनुमा वृद्ध...., कोई बीत चुका जमाना। शेर 2:_ उसे पता होता है कि मर जाने के बाद.. वो न देख पाएगी, ना ही अफसोस कर पाएगी। न जाने फिर भी क्यूं.. टकटकी लगाए रहती है मेरी दादी मां? किसके लिए धड़कती है वो? ___ Adv. Abhinav Anand Biharibabu ©Biharibabu Abhinav*"

 Village Life शेर 1:_ शहरों में पढ़ने वाले बच्चे..
        मौसम की तरह होते हैं।
गांव के इंतजारनुमा वृद्ध....,
कोई बीत चुका जमाना।



शेर 2:_ उसे पता होता है
                  कि मर जाने के बाद..
            वो न देख पाएगी,
                       ना ही अफसोस कर पाएगी।

न जाने फिर भी क्यूं..
टकटकी लगाए रहती है 
मेरी दादी मां?
किसके लिए धड़कती है वो?

___ Adv. Abhinav Anand Biharibabu

©Biharibabu Abhinav*

Village Life शेर 1:_ शहरों में पढ़ने वाले बच्चे.. मौसम की तरह होते हैं। गांव के इंतजारनुमा वृद्ध...., कोई बीत चुका जमाना। शेर 2:_ उसे पता होता है कि मर जाने के बाद.. वो न देख पाएगी, ना ही अफसोस कर पाएगी। न जाने फिर भी क्यूं.. टकटकी लगाए रहती है मेरी दादी मां? किसके लिए धड़कती है वो? ___ Adv. Abhinav Anand Biharibabu ©Biharibabu Abhinav*

#villagelife

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