कलमों की लड़ाई में ना जाने क्या क्या खोने पड़े, ति | हिंदी Quotes

"कलमों की लड़ाई में ना जाने क्या क्या खोने पड़े, तितलियां झूले सखी अल्हड़पन सब के सब झमेले हुए। नजर उठे जब निकलूं घर से क्या युद्ध नहीं निर्णायक हुए , व्यंग्यबाण का दूं जवाब लेकिन तरकस भी तो हैं पहचाने हुए। ©Soni s..."

 कलमों की लड़ाई में ना जाने क्या क्या खोने पड़े,
तितलियां झूले सखी अल्हड़पन सब के सब झमेले हुए।
नजर उठे जब  निकलूं घर से क्या युद्ध नहीं निर्णायक हुए ,
व्यंग्यबाण का दूं जवाब लेकिन तरकस भी तो हैं पहचाने हुए।

©Soni s...

कलमों की लड़ाई में ना जाने क्या क्या खोने पड़े, तितलियां झूले सखी अल्हड़पन सब के सब झमेले हुए। नजर उठे जब निकलूं घर से क्या युद्ध नहीं निर्णायक हुए , व्यंग्यबाण का दूं जवाब लेकिन तरकस भी तो हैं पहचाने हुए। ©Soni s...

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