जो इश्क़ के रंग सा था,सच्चा और बेदाग सा वो उसका ही | हिंदी शायरी

"जो इश्क़ के रंग सा था,सच्चा और बेदाग सा वो उसका ही एक ढंग सा था रूप सा था, और दिल में दिमाग सा..!! ©kajal sinha"

 जो इश्क़ के रंग सा था,सच्चा और बेदाग सा 
वो उसका ही एक ढंग सा था रूप सा था,
और दिल में दिमाग सा..!!

©kajal sinha

जो इश्क़ के रंग सा था,सच्चा और बेदाग सा वो उसका ही एक ढंग सा था रूप सा था, और दिल में दिमाग सा..!! ©kajal sinha

#smoke

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