White रेल की पटरी सी जाती है तू। मैं यात्री सा तेर | हिंदी Poetry

"White रेल की पटरी सी जाती है तू। मैं यात्री सा तेरे पीछे आता हु। मेरी मंजिल से मुझे तरसती तू। मैं तेरे सफर मैं धक्के खाता हु। पहले सावन की घटा सी छाती है तू। मैं पपीहे सा तेरी बारिश को तरसता जाता हु। ©Jayesh "

 White रेल की पटरी सी जाती है तू।
मैं यात्री सा तेरे पीछे आता हु।
मेरी मंजिल से मुझे तरसती तू।
मैं तेरे सफर मैं धक्के खाता हु।
पहले सावन की घटा सी छाती है तू।
मैं पपीहे सा तेरी बारिश को तरसता जाता हु।

©Jayesh

White रेल की पटरी सी जाती है तू। मैं यात्री सा तेरे पीछे आता हु। मेरी मंजिल से मुझे तरसती तू। मैं तेरे सफर मैं धक्के खाता हु। पहले सावन की घटा सी छाती है तू। मैं पपीहे सा तेरी बारिश को तरसता जाता हु। ©Jayesh

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