You remember those days when, वो दिन भी क्या दिन थे,
जब साथ मे दोस्तों के साथ पढ़ने जाते थे,
जब साथ में दोस्तों के साथ पिकनिक जाते थे,
जब साथ मे दोस्तों के साथ मूवीज जाते थे,
पढ़ते थे, पढ़ाते थे, खेलते थे, और
कभी कभी रूठ जाते थे,
वो बचपन से लेकर जवानी के दिन थे,
न किसी, पढ़ाई की टेंशन, न ही एग्जाम की,
बस फ़िक्र थी कि कैसे पढ़ाई खत्म हो,
और बड़े होकर पैसे कमाये,
और जब कमाने लगे तब समझ आया कि,
तब महसुस हुआ कि इससे बेहतर तो,
हमारे बचपन ही थे,
सच में वो दिन भी क्या दिन थे!
©Hrishi Vishal 007
वो दिन भी क्या दिन थे...
#puraniyaadein