झूठी हँसी ही सही लोगों के लिए हँसना पड रहा है
जो ख़ुशी है न उसको बचा कर रखना पड रहा है
कुछ खुशियाँ छीन लूंगा अपनों से इक विस्वास भी
लेकिन तू पास है अब भी इस से बड़ी ख़ुशी मेरे लिए हो नही सकती
तुझे देखना चाहता हूँ क्योंकि शायद ये आखरी पल हो
जब हम दोनों साथ खड़े होकर वो पल जी सके
हमे बताना था हमारा राज़ सभी को पर सोचा न था ऐसा भी होगा
वो राज़ तो सामने आएगा पर हमें जुदा न करदे
तुझसे बात किए बिना पल भर भी नहीं रह सकते
तुझसे दूर जाके भी जीना दुस्वार होगा हमे अपना डर नही है
पर तेरा बहुत है तूने इक झूट बुलवाया उस पल का बहुत है
जब वो बात सामने आएगी उसका बहुत है
पर तू सामने होगी साथ होगी इसकी ख़ुशी भी बहुत है
क्या कहूंगा नही जानता पर तू साथ होगी तो सब जान लेंगे