इस जमाने ने तोड़ डाला है
हमने जब-जब भी दिल उछाला है
हाथ में जो हमारे प्याला है
सिर्फ़ इसने हमें सँभाला है
काम लो तुम दिमाग़ से यारों
दिल तो नादाँ है भोला-भाला है
तुम सा कोई नहीं मिला हमको
हमने सारा जहाँ खँगाला है
आज बस इश्क़ ही किया हमने
काम बाक़ी का कल पे टाला है
©G. K. Sharma
# मन के दो मौसम