हमें हिसाब करना ना आया,माना उसे अपना,अपनों के तरह | हिंदी शायरी

"हमें हिसाब करना ना आया,माना उसे अपना,अपनों के तरह इज्जत बेहिसाब करते गये,, हम विश्वास करते रहे,वो विश्वासघात करते गये,, हटाया बक्त ने जब नकाब उसके चेहरे से...तो पता चला वो मतलबी,मतलब के लिए हर किसी का इस्तेमाल करते गये।।📝नीतिश ©Nitish Kumar"

 हमें हिसाब करना ना आया,माना उसे अपना,अपनों के तरह इज्जत बेहिसाब करते गये,,
हम विश्वास करते रहे,वो विश्वासघात करते गये,,
हटाया बक्त ने जब नकाब उसके चेहरे से...तो पता चला वो मतलबी,मतलब के लिए हर किसी का इस्तेमाल करते गये।।📝नीतिश

©Nitish Kumar

हमें हिसाब करना ना आया,माना उसे अपना,अपनों के तरह इज्जत बेहिसाब करते गये,, हम विश्वास करते रहे,वो विश्वासघात करते गये,, हटाया बक्त ने जब नकाब उसके चेहरे से...तो पता चला वो मतलबी,मतलब के लिए हर किसी का इस्तेमाल करते गये।।📝नीतिश ©Nitish Kumar

#Shayar #kavita Sudha Tripathi @Sofia Gupta(Attached by in the planet 13sep(priority of Mahadev @Riya Soni @Nandini Sah @Aaradhana Anand

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