#OpenPoetry
याद है मुझे हर एक तारीख़ जो तुझ से जुड़े है
हमारी पहली मुलाकात वाली वो दिन
तेरी पहली मुस्कान वाली वो झलक
तेरो वो जन्म वाली वो दिन
तेरी जुठ मुठ का रूठना
और मेरा तूझे खोने से डरना
मुझे याद है वो हर लम्हा जो तेरे साथ बिताए है
तुझ से मिलने के लिए आधी पेट भी खाई है
मुझे वो रात भी याद है
जब तू लाल वाली Dress पहनी थी
आंखों में अलग ही चमक थी
माशाअल्लाह
क्या खूब दिख रही थी
शायद तू उस दिन किसी और कि ही दुल्हन बानी थी
मुझे आया था जोरों का रोना
क्यों कि तू ही तो थी मेरी बाबू सोना
जल उठा था दिल मेरा
जब देखा लाल है मेहंदी तेरा
चारो तरफ संगीत बज रहा था
दिल से तो मैं तब भी शायर था
और दर्द छुपने में भी माहिर था
उस दिन कई चीज़ खो आया
तेरी शादी में "चन्ना मेरे आ" गा आया
#OpenPoetry
जिसके नाम का मेहँदी था
वो कोई और ही था 😔😔