आज जमाना चांद मंगल पर पहुंच गया, Ai technology Robots का जमाना आ गया लेकिन औरतें अपने ही घर के आदमी से कमजोर है बुद्धि में आत्मविश्वास में आत्मनिर्भर होने में,
हां त्याग करने में शोषण सहन ने हमने उनको ज़रूर PhD कराई है,
नारी में कोई हिम्मत हौसला नहीं भरते बल्कि उन्हें और दबाकर रखते है हमारी एक आवाज एक इशारे पर उठे,बैठे उतना ही बोले,इस तरह के परिवेश में हम रखते है। बहुत ही शर्मनाक हरकत है ये हमारे आधुनिक जमाने हमारी शिक्षा और हमारे धर्म,संस्कृति के लिए।🤦
आज जो बेटियां कमाने से या अपनी बुद्धि से फैसला लेने के काबिल होगी उन्हीं माता पिता को माता पिता कहा जायेगा और जो भाई और इस मॉडर्न जमाने का युवा ये समझेगा कि जितना आजाद घूमना पढ़ना बोलना कमाना उसके लिए जरूरी है बहन के लिए भी जरूरी है,
आज जो भाई केवल कमाना अपना काम समझेगा उसके रिश्ते कभी नही चलेंगे, बहने पढ़ती है कमाती है तो वे घर के काम भी करती है तुम्हे भी करने होंगे, तब असल में जमाना बदलेगा और तुम भी मॉडर्न जमाने के युवा कहलाओगे।
आज बेटियां कमज़ोर रहती है तो वे कमज़ोरी है हमारे पिताओं की हमारी संस्कृति धर्म की।