एक हमसफ़र हमदर्द, यार चाहता हूं ।
नफ़रत की दुनिया में प्यार चाहता हूं ।।
तुझसे और कुछ नहीं चाहता ये दिल ।
तेरे पास में आना,बार बार चाहता हूं।।
समझा कि मोहब्बत में झुकते हैं सर ।
मैं मोहब्बत में होना खुद्दार चाहता हूं ।।
मैं पंछियों को भी कर देता हूं आज़ाद ।
लेकिन तुझको दिल में गिरफ्तार चाहता हूं ।।
दिमाग कहता है,हज़ार हैं तेरे जैसे ।
लेकिन उस हज़ार में सिर्फ तुझे चाहता हूं ।।
©S.RaiComefromheart