"तेरी नजरों की खामोशी हाल ए दिल बताती है,
साथ तेरे चल सकूं कदम दो कदम,
बस यही चाहत बतलाती है,
यूं तो अक्सर फिरता हूं वीराने में,
खातिर तेरे भटक सकूं दिल ओ ख्वाहिश जताती है,
आ जाना मेरी कब्र पर दुहाई देने के खातिर,
तेरी इक झलक देखूं यही चाहत बतलाती है।।
©Abhishek Gupta
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