ख़ैर किसे मालूम, हवा का रुख कब बदल जाए,
किसी का ये मज़ाक हो और किसी की ज़िंदगी लग जाए ।
मैं उसके बारे में कहता था लोगों से,
मेरा नाम बदल देना वो सख्श अगर बदल जाए ।
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©Shayar_nir.ix
ख़ैर किसे मालूम, हवा का रुख कब बदल जाए,
किसी का ये मज़ाक हो और किसी की ज़िंदगी लग जाए ।
मैं उसके बारे में कहता था लोगों से,
मेरा नाम बदल देना वो सख्श अगर बदल जाए।#Flower