उसके सादगी में छुपे थे रंग सारे, मैं बदनसीब उसके स | हिंदी Shayari Vid

"उसके सादगी में छुपे थे रंग सारे, मैं बदनसीब उसके सादगी से रूठा रहा। नज़रों के सामने उदास बैठी रही, मैं ज़ाहिल उसके चाहत-ए-नज़रों से अनजान रहा।। ©Priyanshu K Dubey "

उसके सादगी में छुपे थे रंग सारे, मैं बदनसीब उसके सादगी से रूठा रहा। नज़रों के सामने उदास बैठी रही, मैं ज़ाहिल उसके चाहत-ए-नज़रों से अनजान रहा।। ©Priyanshu K Dubey

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