हज़ारों की भीड़ तो होती है आसपास होता है क्य | हिंदी शायरी

"हज़ारों की भीड़ तो होती है आसपास होता है क्यों फिर तन्हाई का अहसास ! रुकता नही कोई लम्हा वक़्त से बिछड़कर चलता क्यों कदम है होके इतना उदास ! मिलना बिछड़ना क़ुदरत के नियम हैं मलय ग़म और ख़ुशी तो रहते हमेशा आसपास। ©malay_28"

 हज़ारों  की  भीड़  तो  होती  है  आसपास
होता  है  क्यों  फिर  तन्हाई  का अहसास !

रुकता नही कोई लम्हा वक़्त से बिछड़कर
चलता  क्यों  कदम  है  होके इतना उदास !

मिलना बिछड़ना क़ुदरत के नियम हैं मलय
ग़म और ख़ुशी  तो रहते  हमेशा  आसपास।

©malay_28

हज़ारों की भीड़ तो होती है आसपास होता है क्यों फिर तन्हाई का अहसास ! रुकता नही कोई लम्हा वक़्त से बिछड़कर चलता क्यों कदम है होके इतना उदास ! मिलना बिछड़ना क़ुदरत के नियम हैं मलय ग़म और ख़ुशी तो रहते हमेशा आसपास। ©malay_28

#बिछड़ना

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