White मैं जो अब्र को भी बंद खींच लेता था
मैं जो मिट्टी को भी मिट्टी भींच लेता था
मैं जो फ़ज़ायों पर करता था सफ़र
मैं जो दरिया को भी रवानी से सींच देता था
कि अब मुझको क्यों नहीं कुछ आईने दिखता
एक आदित्य तो था जो कहीं है खो गया
©Kavi Aditya Shukla
#GoodMorning #Like #follow #Nojoto