"जीवन अदृश्य धागे कि तरह है जिस प्रकार सुई में धागा डालकर एक नया रूप देते हैं
सुई कि भाती जीवन में दुख से एक नया जीवन पाते हैं
धागे केे भाती जैसा है
परिवार अपने तक रखता है किसी को परिवार कि अनबन महसूस नहीं होने देता।
सुई धागा सीखकर कुछ नया बनाते हैं
उसी प्रकार जीवन कि सीख एक नया इन्सान बनाती है
©Nikita Garg"