चिकने मोती कच्चे धागे से जो बिखरे
तो उनको फिर जुटाउं कैसे ???
लबों का दर्द अगर आंखों से निकले
तो उनको फिर रोक पाउं कैसे ???
शब-ए-मेहताब में जुगनुओं का जलना
उन्हें ज़ालिम तूफान से मैं बचाऊं कैसे???
कुछ सुलझते दामन में बची उन उलझी गठानों को
एक झटके में तोड़ जाऊं कैसे ???
अब तो आफत सी मचती है देखकर वफाओं का नज़ारा
टूटे दिल में तेरे सोहबत की शहनाई को बजाऊं कैसे ???
©Kalpana Eknoriya
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