यल व पक्षी चहक रहे थे मंदिर मे धन्टिया बज रही थी ॠचा व भगवान की आराधना चल रही थी हल्की बूंदाबांदी के बीच जफिजा महकी महकी थी कोब मे क्षत्रिबाग स्थित अंजलि लाल के दर्शन के लिये निकला तो मूझे लगा कि आंनदायक यह फिजा यह कह रही है जगदीश आज दिन बहुत बैहतर है।
©Jagdish Hurkat