a-person-standing-on-a-beach-at-sunset मैं वो तो नहीं हूं,
जो तुम्हारे साथ जीना चाहता था।
अब मैं वो हूं,
जो तुम्हारे लिए पल-पल मर रहा हूं॥
मैं वो तो नहीं हूं,
जो तुम्हारे संग हर ख्वाब देखा करता था।
अब मैं वो हूं,
जो अब सिर्फ तुम्हारे ख्वाबों में जीता है॥
मैं वो तो नहीं हूं,
जिसकी बेरंग दुनिया में तुमने रंग भरे थे।
अब मैं वो हूं,
जिसकी दुनिया तुम्हारे इंतजार में बेरंग हो गई है॥
मैं वो तो नहीं हूं,
जिसकी तुम हर खामोशी समझती थी।
अब मैं वो हूं,
जिसकी चीखें भी तुम तक नहीं पहुंचतीं॥
मैं वो तो नहीं हूं,
जिसे तुमने कभी अपनाया था।
अब मैं वो हूं,
जिसे तुमने ठुकरा दिया है॥
मैं वो तो नहीं हूं,
जिसकी अंधेरी रातों में तुमने रोशनी की थी।
अब मैं वो हूं,
जो तुम्हारे आने की आहट सुनने के लिए
अपने दिल में अंधेरा समेटे बैठा है॥
मैं वो तो नहीं हूं,
जो तुम्हारे लिए सब कुछ था।
अब मैं वो हूं
जिसके लिए तुम्हारा होना ही सब कुछ था॥
©Deshraj Dhakad
#SunSet खूबसूरत दो लाइन शायरी