हाल ए मस्तिष्क की क्या बताऊं बहुत कुछ बातें हैं ब | हिंदी शायरी
"हाल ए मस्तिष्क की क्या बताऊं
बहुत कुछ बातें हैं बताने को जो कब से कतार में खड़े है,
पर कमबख्त बातें कुछ इस तरह कि हैं
चियांही की तो कमी नहीं हैं
पर इसे ही आंसू बनके बेहना पसंद हैं।"
हाल ए मस्तिष्क की क्या बताऊं
बहुत कुछ बातें हैं बताने को जो कब से कतार में खड़े है,
पर कमबख्त बातें कुछ इस तरह कि हैं
चियांही की तो कमी नहीं हैं
पर इसे ही आंसू बनके बेहना पसंद हैं।