होंठों पे मुस्कूराहट, आंखों में ख़लिश है। लफ़्ज़ों | हिंदी शायरी

"होंठों पे मुस्कूराहट, आंखों में ख़लिश है। लफ़्ज़ों की किल्लत है, दिल में तपिश है। पूछो न हाल-ए-दिल शायद! मैं रो पड़ूं, आंसूओं को छूपाने की ज़ारी कोशिश है। ©Jupiter and its moon"

 होंठों पे मुस्कूराहट, आंखों में ख़लिश है।
लफ़्ज़ों की किल्लत है, दिल में तपिश है।
पूछो न हाल-ए-दिल शायद! मैं रो पड़ूं,
आंसूओं को छूपाने की ज़ारी कोशिश है।

©Jupiter and its moon

होंठों पे मुस्कूराहट, आंखों में ख़लिश है। लफ़्ज़ों की किल्लत है, दिल में तपिश है। पूछो न हाल-ए-दिल शायद! मैं रो पड़ूं, आंसूओं को छूपाने की ज़ारी कोशिश है। ©Jupiter and its moon

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