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बादल गम के छटे ना थे यादों का कोहरा छाने लगा
लोगो ने फिर समझाया हर रात की सुबह निश्चित है
दिमाग ने दिल को समझाया जुबान को मैने मौन किया
कोशिश कर मुस्काई पर आखों ने सब कुछ कह दिया
कितना मुश्किल होता है दिल का दर्द छुपाना
होठों पर मुस्कान लाना आंखों के आँसू छुपाना
कोई हम से पूछे
अल्फाज मेरे✍️🏽🙏🏼🙏🏼
©Ashutosh Mishra"