जो हमेशा साथ चलने की दुआ करता था,
वो है आज राहों में अकेला होने वाला।
जो हमेशा साथ चलने की दुआ करता था,
वो है आज राहों में अकेला होने वाला।
जो था कभी हमारी हर खुशी का हिस्सा,
वो अब तन्हाई में खुद को ढूंढ़ने वाला था।
जिसे कभी समझा था अपने साथ का साथी,
वो अब बिन बताए, दूर जाने वाला था।
हमारी आँखों में जो था हर ख्वाब पूरा,
वो अब अपनी राहों में अकेला होने वाला था।
मोहब्बत का जो वादा था उसने किया,
वो आज उस वादे को तोड़ने वाला था।
©नवनीत ठाकुर
#नवनीतठाकुर
जो हमेशा साथ चलने की दुआ करता था,
वो है आज राहों में अकेला होने वाला।
जो हमेशा साथ चलने की दुआ करता था,
वो है आज राहों में अकेला होने वाला।
जो था कभी हमारी हर खुशी का हिस्सा,
वो अब तन्हाई में खुद को ढूंढ़ने वाला था।
जिसे कभी समझा था अपने साथ का साथी,