कैसा लगता है
जब कोई शख्स आपका पूरा न होकर आधा अधूरा आपके हिस्से में आए।
और उस आधे मैं भी नाम भर की मुलाकात हो और सदी भर की यादें।
इस सबके बाद
वो अजीज शख्स किसी ऐसे शख्स के नसीब हो,जो नाम भर का उसका हो
और उसी नाम भर के प्यार की दुहाई देते हुए,वो शख्स आपके पास आए।
कि काश वो तुम सा होता।
©Durga Bangari
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