White थोड़ी तसल्ली थोडा आराम
थोड़ी तसल्ली थोडा आराम
चलते चलते मैं कहां आ गया हूँ
और अभी कितनी दूर है मंज़िल
अभी कितनी बची राह में शाम ।
थोड़ी तसल्ली थोड़ा आराम
दबी मुस्कराहट में ले आया हूँ
चमकती काले बालों में सफेदी
और गुज़रती उम्र का ये इनाम।
थोड़ी तसल्ली थोडा आराम
चलते चलते मैं कहां आ गया हूँ ।
थोड़ी तसल्ली थोड़ा आराम
कुछ पुराने कुछ नए सपने लाया हूँ
और दरारों को भरने के लिए मरहम
लेकर बैठ जाता हूँ कभी तेरी खुशी तेरा गम।
थोड़ी तसल्ली थोडा आराम
चलते चलते मैं कहां आ गया हूँ।
©Tanha Shayar hu Yash
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