बेखबर होने लगे हो आजकल चैन से सोने लगे हो आजकल जख | हिंदी Sad

"बेखबर होने लगे हो आजकल चैन से सोने लगे हो आजकल जख्म कोई गहरा मिला है क्या हर घड़ी रोने लगे हो आजकल हो गई है फूलो से क्यों दुश्मनी जो कांटे बोने लगे हो आजकल आंँसुओं का नल खुला ही रहता है किस की यादें धोने लगे हो आजकल "आदित्य" आज कल कुछ उखड़े हुए रहते हो तुम भी दिल पे क्या क्या ढोने लगे हो आजकल ©कवि आदित्य बजरंगी"

 बेखबर होने लगे हो आजकल
चैन से सोने लगे हो आजकल

जख्म कोई गहरा मिला है क्या
हर घड़ी रोने लगे हो आजकल

हो गई है फूलो से क्यों दुश्मनी
जो कांटे बोने लगे हो आजकल

आंँसुओं का नल खुला ही रहता है
किस की यादें धोने लगे हो आजकल

"आदित्य" आज कल कुछ उखड़े हुए रहते हो 
तुम भी दिल पे क्या क्या ढोने लगे हो आजकल

©कवि आदित्य बजरंगी

बेखबर होने लगे हो आजकल चैन से सोने लगे हो आजकल जख्म कोई गहरा मिला है क्या हर घड़ी रोने लगे हो आजकल हो गई है फूलो से क्यों दुश्मनी जो कांटे बोने लगे हो आजकल आंँसुओं का नल खुला ही रहता है किस की यादें धोने लगे हो आजकल "आदित्य" आज कल कुछ उखड़े हुए रहते हो तुम भी दिल पे क्या क्या ढोने लगे हो आजकल ©कवि आदित्य बजरंगी

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