White कई दिनों से पाली हुई अपनी. भुख के लिए मैं | हिंदी कविता

"White कई दिनों से पाली हुई अपनी. भुख के लिए मैं रोटी की तलाश हर गली मे करता रहा लेकिन सब जगह से मुझे दुतकारा गया लेकिनअब मैं रोटी मांगूगा नहीं बल्कि पूरी ताकत लगा कर छिनूँगा ...उस घरसे जहाँ से मुझे रोटी की सुगंध महसूस होंगी ©Parasram Arora"

 White कई दिनों से  पाली हुई अपनी. भुख के लिए 
मैं रोटी की तलाश हर गली मे करता रहा लेकिन सब जगह से 
मुझे दुतकारा गया 

लेकिनअब मैं  रोटी मांगूगा नहीं बल्कि पूरी 
ताकत लगा कर छिनूँगा ...उस घरसे  जहाँ  से मुझे रोटी की सुगंध महसूस होंगी

©Parasram Arora

White कई दिनों से पाली हुई अपनी. भुख के लिए मैं रोटी की तलाश हर गली मे करता रहा लेकिन सब जगह से मुझे दुतकारा गया लेकिनअब मैं रोटी मांगूगा नहीं बल्कि पूरी ताकत लगा कर छिनूँगा ...उस घरसे जहाँ से मुझे रोटी की सुगंध महसूस होंगी ©Parasram Arora

रोटी की सुगंध

People who shared love close

More like this

Trending Topic