जब उकता जाओ चमकीली दुनिया की दिखावट से उजले चेह | हिंदी Quotes

"जब उकता जाओ चमकीली दुनिया की दिखावट से उजले चेहरों की झूठी मुस्कुराहट से हर सवाल पर झूठ मूठ बताये गये अच्छे हाल से इर्द गिर्द बुने हुए मतलब के जाल से कथनी-करनी के अंतर से चापलूसी के मंतर से फिज़ूल की दौड़ से आपस की होड़ से नफ़रत के चलन से लोगों की जलन से रिश्तों के वार से वक़्त की मार से तब हमारे पास आना हम वो सरफिरे हैं जो दूसरों का दर्द अपने दिल में सजाते हैं जो नफ़रत के दौर में भी मुहब्बत का गीत गाते हैं जो उसूलों पे आँच आने नहीं देते जो मायूसी का बादल छाने नहीं देते जो सादगी का चलन बनाये हुए हैं जो ज़मीन पर क़दम जमाये हुए हैं पीड़ा के बदले जो मुस्कान देते हैं दूसरों की भावनाओं को जो मान देते हैं आना हमारे पास हम यहीं मिलेंगे एक उजली भोर थामे हुए इंसानियत की डोर थामे हुए ©Ravi Gupta"

 जब उकता जाओ 

चमकीली दुनिया की दिखावट से 
उजले चेहरों की झूठी मुस्कुराहट से 
हर सवाल पर झूठ मूठ
बताये गये अच्छे हाल से 
इर्द गिर्द बुने हुए 
मतलब के जाल से 

कथनी-करनी के अंतर से 
चापलूसी के मंतर से 
फिज़ूल की दौड़ से 
आपस की होड़ से 

नफ़रत के चलन से 
लोगों की जलन से 
रिश्तों के वार से 
वक़्त की मार से 

तब हमारे पास आना 

हम वो सरफिरे हैं 
जो दूसरों का दर्द 
अपने दिल में सजाते हैं 
जो नफ़रत के दौर में भी 
मुहब्बत का गीत गाते हैं

जो उसूलों पे आँच आने नहीं देते 
जो मायूसी का बादल छाने नहीं देते 
जो सादगी का चलन बनाये हुए हैं 
जो ज़मीन पर क़दम जमाये हुए हैं 

पीड़ा के बदले जो मुस्कान देते हैं 
दूसरों की भावनाओं को जो मान देते हैं

आना हमारे पास 
हम यहीं मिलेंगे 
एक उजली भोर थामे हुए
इंसानियत की डोर थामे हुए

©Ravi Gupta

जब उकता जाओ चमकीली दुनिया की दिखावट से उजले चेहरों की झूठी मुस्कुराहट से हर सवाल पर झूठ मूठ बताये गये अच्छे हाल से इर्द गिर्द बुने हुए मतलब के जाल से कथनी-करनी के अंतर से चापलूसी के मंतर से फिज़ूल की दौड़ से आपस की होड़ से नफ़रत के चलन से लोगों की जलन से रिश्तों के वार से वक़्त की मार से तब हमारे पास आना हम वो सरफिरे हैं जो दूसरों का दर्द अपने दिल में सजाते हैं जो नफ़रत के दौर में भी मुहब्बत का गीत गाते हैं जो उसूलों पे आँच आने नहीं देते जो मायूसी का बादल छाने नहीं देते जो सादगी का चलन बनाये हुए हैं जो ज़मीन पर क़दम जमाये हुए हैं पीड़ा के बदले जो मुस्कान देते हैं दूसरों की भावनाओं को जो मान देते हैं आना हमारे पास हम यहीं मिलेंगे एक उजली भोर थामे हुए इंसानियत की डोर थामे हुए ©Ravi Gupta

People who shared love close

More like this

Trending Topic