White याद सताती है याद सताती है उन गलियों की, जहा | हिंदी कविता

"White याद सताती है याद सताती है उन गलियों की, जहाँ बचपन ने अपने पैर रखे थे। सपनों के वो छोटे-छोटे घर, जहाँ खुशियों के झूले झूले थे। याद सताती है उन चेहरों की, जो हर सुबह मुस्कान लिए मिलते थे। साझा करते थे जो हर दर्द को, सपनों की बातों में खो जाते थे। याद सताती है उन शामों की, जब चाय की प्याली में वक्त ठहरता था। कहानियों में लिपटा हर एक पल, जैसे एक गीत पुराना बजता था। याद सताती है उन राहों की, जहाँ ख्वाबों ने अपनी मंजिलें देखी थीं। हर कदम जो उम्मीदों से भरा था, हर मोड़ पे एक नई खुशी सजी थी। याद सताती है उन पलों की, जो कभी लौट कर नहीं आएंगे। पर दिल के किसी कोने में अब भी, वो यादें चुपचाप मुस्काएंगे। ©Balwant Mehta"

 White याद सताती है

याद सताती है उन गलियों की,
जहाँ बचपन ने अपने पैर रखे थे।
सपनों के वो छोटे-छोटे घर,
जहाँ खुशियों के झूले झूले थे।

याद सताती है उन चेहरों की,
जो हर सुबह मुस्कान लिए मिलते थे।
साझा करते थे जो हर दर्द को,
सपनों की बातों में खो जाते थे।

याद सताती है उन शामों की,
जब चाय की प्याली में वक्त ठहरता था।
कहानियों में लिपटा हर एक पल,
जैसे एक गीत पुराना बजता था।

याद सताती है उन राहों की,
जहाँ ख्वाबों ने अपनी मंजिलें देखी थीं।
हर कदम जो उम्मीदों से भरा था,
हर मोड़ पे एक नई खुशी सजी थी।

याद सताती है उन पलों की,
जो कभी लौट कर नहीं आएंगे।
पर दिल के किसी कोने में अब भी,
वो यादें चुपचाप मुस्काएंगे।

©Balwant Mehta

White याद सताती है याद सताती है उन गलियों की, जहाँ बचपन ने अपने पैर रखे थे। सपनों के वो छोटे-छोटे घर, जहाँ खुशियों के झूले झूले थे। याद सताती है उन चेहरों की, जो हर सुबह मुस्कान लिए मिलते थे। साझा करते थे जो हर दर्द को, सपनों की बातों में खो जाते थे। याद सताती है उन शामों की, जब चाय की प्याली में वक्त ठहरता था। कहानियों में लिपटा हर एक पल, जैसे एक गीत पुराना बजता था। याद सताती है उन राहों की, जहाँ ख्वाबों ने अपनी मंजिलें देखी थीं। हर कदम जो उम्मीदों से भरा था, हर मोड़ पे एक नई खुशी सजी थी। याद सताती है उन पलों की, जो कभी लौट कर नहीं आएंगे। पर दिल के किसी कोने में अब भी, वो यादें चुपचाप मुस्काएंगे। ©Balwant Mehta

#sad_qoute

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