White प्राचीन शास्त्रों एवं वदों में भी नारी को इत | हिंदी विचार

"White प्राचीन शास्त्रों एवं वदों में भी नारी को इतना सम्मान नहीं दिया गया है क्यों? नारी को सदियों से ही असहनीय पीड़ा झेलनी पड़ी है। आखिर युगों से हमारा समाज नारी के प्रति क्यों उदासीन रहा है? इसके कई कारण रहे हैं, वेद पुराणों एवं अन्य धार्मिक स्रोतों में आर्यों ने नारी के संबंध में जो नियम निश्चित कर दिए थे वे नियम आज भी प्रचलन में हैं। सती प्रथा नारी उत्पीड़न का सबसे बड़ा उदाहरण है, क्या नारी को अपने पति की मृत्यु के बाद जीने का अधिकार नहीं? लेकिन इस प्रथा को चलाने वाले इस घृणित प्रथा को भी अपना धर्म स्वीकारते थे। क्या धर्म किसी नारी को जिंदा जलाने की इजाजत देता है? अगर देता है तो वो धर्म नहीं तुम्हारा शोषण है। आज सती प्रथा तो नहीं है मगर अन्य अनेक रूपों में नारी का शोषण आज भी विद्यमान है। जब तक लोग धर्म को मानेंगे तब तक वो नारी के प्रति अपनी मानसिकता को त्याग नहीं सकते क्योंकि उनके धर्म में ऐसा ही लिखा है। ©sanjay Kumar Mishra"

 White प्राचीन शास्त्रों एवं वदों में भी नारी को इतना सम्मान नहीं दिया गया है क्यों? नारी को सदियों से ही असहनीय पीड़ा झेलनी पड़ी है। आखिर युगों से हमारा समाज नारी के प्रति क्यों उदासीन रहा है? इसके कई कारण रहे हैं, वेद पुराणों एवं अन्य धार्मिक स्रोतों में आर्यों ने नारी के संबंध में जो नियम निश्चित कर दिए थे वे नियम आज भी प्रचलन में हैं। सती प्रथा नारी उत्पीड़न का सबसे बड़ा उदाहरण है, क्या नारी को अपने पति की मृत्यु के बाद जीने का अधिकार नहीं? लेकिन इस प्रथा को चलाने वाले इस घृणित प्रथा को भी अपना धर्म स्वीकारते थे। क्या धर्म किसी नारी को जिंदा जलाने की इजाजत देता है? अगर देता है तो वो धर्म नहीं तुम्हारा शोषण है। आज सती प्रथा तो नहीं है मगर अन्य अनेक रूपों में नारी का शोषण आज भी विद्यमान है। जब तक लोग धर्म को मानेंगे तब तक वो नारी के प्रति अपनी मानसिकता को त्याग नहीं सकते क्योंकि उनके धर्म में ऐसा ही लिखा है।

©sanjay Kumar Mishra

White प्राचीन शास्त्रों एवं वदों में भी नारी को इतना सम्मान नहीं दिया गया है क्यों? नारी को सदियों से ही असहनीय पीड़ा झेलनी पड़ी है। आखिर युगों से हमारा समाज नारी के प्रति क्यों उदासीन रहा है? इसके कई कारण रहे हैं, वेद पुराणों एवं अन्य धार्मिक स्रोतों में आर्यों ने नारी के संबंध में जो नियम निश्चित कर दिए थे वे नियम आज भी प्रचलन में हैं। सती प्रथा नारी उत्पीड़न का सबसे बड़ा उदाहरण है, क्या नारी को अपने पति की मृत्यु के बाद जीने का अधिकार नहीं? लेकिन इस प्रथा को चलाने वाले इस घृणित प्रथा को भी अपना धर्म स्वीकारते थे। क्या धर्म किसी नारी को जिंदा जलाने की इजाजत देता है? अगर देता है तो वो धर्म नहीं तुम्हारा शोषण है। आज सती प्रथा तो नहीं है मगर अन्य अनेक रूपों में नारी का शोषण आज भी विद्यमान है। जब तक लोग धर्म को मानेंगे तब तक वो नारी के प्रति अपनी मानसिकता को त्याग नहीं सकते क्योंकि उनके धर्म में ऐसा ही लिखा है। ©sanjay Kumar Mishra

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