हमसफ़र इस उजड़ी जिंदगी में मेरी जन्नत हो तुम...
विरान पडी जिंदगी में मन्नत हो तुम...
दिल के ज़ख़्म और मेरा दर्द हो तुम...
इस दर्द में भी हमदर्द हो तुम...
मेरी हर तकलीफ में फ़िक्र हो तुम...
मेरे हर शब्द में जिक्र हो तुम...
मेरे हर ज़रा में जर्रा हो तुम...
मेरी जिन्दगी की रोजमर्रा हो तुम...
सब कुछ तो हो मेरे, बताओ क्या नहीं हो तुम...!!
#हमसफ़र