White अपनी उम्र से कई साल बड़ी हूं मैं.. ज़िंदगी ज | हिंदी Sad

"White अपनी उम्र से कई साल बड़ी हूं मैं.. ज़िंदगी जीती नहीं ज़िंदगी को देखती हूं मैं। आसान चीजें मैं छूती नहीं.. और कठिन से मेरा कोई वास्ता नहीं। यहीं फ़र्क है औरों में और मुझमें, की लोग दुनियां देखते हैं.. और मैं दुनियादारी भी नहीं। लोगों के साथ चलती हूं मैं.. लेकिन थोड़ी सी अलग हूं मैं। सबके बस में नहीं होता समझना जितना, उतनी समझदार हूं मैं। फूल मुझे पसंद नहीं और कांटों पर मैं चलती नहीं.. औरों को चोट पहुंचाती नहीं ख़ुद को ज़ख्मी देख सकती नहीं। मेरा वजूद मुझसे कहता है.. मैं कौन, हूं कहा से हूं, और कैसे हूं, मेरा बस एक जवाब_मैं आज हूं, कल हूं, बीते दोनों की यादें भूल कर , मैं कल के लिए जिंदा लाश हूं।। ©Ruhi"

 White अपनी उम्र से कई साल बड़ी हूं मैं..
ज़िंदगी जीती नहीं ज़िंदगी को देखती हूं मैं।
आसान चीजें मैं छूती नहीं..
और कठिन से मेरा कोई वास्ता नहीं।
यहीं फ़र्क है औरों में और मुझमें,
की लोग दुनियां देखते हैं..
और मैं दुनियादारी भी नहीं।
लोगों के साथ चलती हूं मैं..
लेकिन थोड़ी सी अलग हूं मैं।
सबके बस में नहीं होता समझना जितना, 
उतनी समझदार हूं मैं।
फूल मुझे पसंद नहीं और कांटों पर मैं चलती नहीं..
औरों को चोट पहुंचाती नहीं ख़ुद को ज़ख्मी देख सकती नहीं।
मेरा वजूद मुझसे कहता है..
मैं कौन, हूं कहा से हूं, और कैसे हूं,
मेरा बस एक जवाब_मैं आज हूं, कल हूं,
बीते दोनों की यादें भूल कर ,
मैं कल के लिए जिंदा लाश हूं।।

©Ruhi

White अपनी उम्र से कई साल बड़ी हूं मैं.. ज़िंदगी जीती नहीं ज़िंदगी को देखती हूं मैं। आसान चीजें मैं छूती नहीं.. और कठिन से मेरा कोई वास्ता नहीं। यहीं फ़र्क है औरों में और मुझमें, की लोग दुनियां देखते हैं.. और मैं दुनियादारी भी नहीं। लोगों के साथ चलती हूं मैं.. लेकिन थोड़ी सी अलग हूं मैं। सबके बस में नहीं होता समझना जितना, उतनी समझदार हूं मैं। फूल मुझे पसंद नहीं और कांटों पर मैं चलती नहीं.. औरों को चोट पहुंचाती नहीं ख़ुद को ज़ख्मी देख सकती नहीं। मेरा वजूद मुझसे कहता है.. मैं कौन, हूं कहा से हूं, और कैसे हूं, मेरा बस एक जवाब_मैं आज हूं, कल हूं, बीते दोनों की यादें भूल कर , मैं कल के लिए जिंदा लाश हूं।। ©Ruhi

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