"सबकी नजरों में अच्छी थोड़ी हो जाऊंगी ll
मैं फिर से छोटी बच्ची थोडी हो जाऊंगी ll
मुश्किलों ने मुझे मजबूत बना दिया है,
प्यार में ढहने से कच्ची थोड़ी हो जाउंगीll
खुद मुसाफिर हूं मैं अपने सफर की,
चलने मात्र से नक्शा थोड़ी हो जाउंगी ll
ऊचांई की तलाश में वृक्ष हो गया हूँ,
टूटने भर से गुलदस्ता थोड़ी हो जाउंगी ll
थोड़ी सी मुझे अपनी मर्जी से जीने दीजिये,
इतने भर से मैं चोर उचक्का थोड़ी हो जाउंगी ll"
©Durga Gautam
#sadak