हो गया तू जो बेवफ़ा क्या है
इश्क़ में काम ये नया क्या है
दिल के बदले में दर्द की नेमत
दिल के सौदे में कुछ बुरा क्या है
हाल अपना कभी न बदलेगा
अपने हक़ में कोई दुआ क्या है
हर सितम मुझपे ढ़ा लिया तूने
ज़िंदगी तुझपे अब बचा क्या है
बेख़ुदी बढ़ रही है हर लम्हा
क्या बताऊँ मुझे हुआ क्या है
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©Naresh Panchal
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