चमक ने छुपा दी दिल की हर ख्वाहिशें,
शोहरत की दौलत ने दी सिर्फ आज़माइशें।
दौलत की बारिश से दिल प्यासा रहा,
सुकून के दरिया का किनारा रहा।
जो चाहा था दिल, वो हासिल न हुआ,
जो मिला, उसमें सुकून काबिल न हुआ।
सुकून ढूंढा, पर ठिकाना न मिला,
शोहरत के बदले कोई अपना न मिला।
©नवनीत ठाकुर
#नवनीतठाकुर
चमक ने छुपा दी दिल की हर ख्वाहिशें,
शोहरत की दौलत ने दी सिर्फ आज़माइशें।
दौलत की बारिश से दिल प्यासा रहा,
सुकून के दरिया का किनारा रहा।
जो चाहा था दिल, वो हासिल न हुआ,
जो मिला, उसमें सुकून काबिल न हुआ।
सुकून ढूंढा, पर ठिकाना न मिला,