कुछ शो पीस, कुछ निराशा के मोती, कुछ आस्तीन के सांप | हिंदी Shayari

"कुछ शो पीस, कुछ निराशा के मोती, कुछ आस्तीन के सांप, कुछ मतलबी पीठ, कुछ झूठे कंधे, कुछ खीर में खटाई, और कुछ इक्का दुक्का आंसुओं के सौदागर, सब दोस्त दोस्त नहीं होते!!!! ©BROKENBOY"

 कुछ शो पीस,
कुछ निराशा के मोती,
कुछ आस्तीन के सांप,
कुछ मतलबी पीठ,
कुछ झूठे कंधे,
कुछ खीर में खटाई,
और कुछ इक्का दुक्का आंसुओं के सौदागर,
सब दोस्त दोस्त नहीं होते!!!!

©BROKENBOY

कुछ शो पीस, कुछ निराशा के मोती, कुछ आस्तीन के सांप, कुछ मतलबी पीठ, कुछ झूठे कंधे, कुछ खीर में खटाई, और कुछ इक्का दुक्का आंसुओं के सौदागर, सब दोस्त दोस्त नहीं होते!!!! ©BROKENBOY

#Exploration
कुछ शो पीस,
कुछ निराशा के मोती,
कुछ आस्तीन के सांप,
कुछ मतलबी पीठ,
कुछ झूठे कंधे,
कुछ खीर में खटाई,
और कुछ इक्का दुक्का आंसुओं के सौदागर,

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